अपने निजी और राजनीतिक उद्देश्यों के लिए सिख पंथ के नाम का इस्तेमाल न करें बादल : कुलतार सिंह संधवां

अपने निजी और राजनीतिक उद्देश्यों के लिए सिख पंथ के नाम का इस्तेमाल न करें बादल : कुलतार सिंह संधवां

अपने निजी और राजनीतिक उद्देश्यों के लिए सिख पंथ के नाम का इस्तेमाल न करें बादल : कुलतार सिंह संधवां

अपने निजी और राजनीतिक उद्देश्यों के लिए सिख पंथ के नाम का इस्तेमाल न करें बादल : कुलतार सिंह संधवां

-बादलों के राजनीतिक स्वार्थ के चलते भाजपा और आरएसएस ने पंथिक संगठनों में घुसपैठ की

-अपील : जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह जी अकाली दल व बादल परिवार के प्रतिनिधि न बनें

-बादल परिवार और अकाली दल (बादल) का पंथ और पंथिक रीति-रिवाजों से कोई लेना-देना नहीं

चंडीगढ़, 3 दिसंबर
आम आदमी पार्टी (आप) पंजाब के वरिष्ठ नेता और विधायक कुलतार सिंह संधवां ने अकाली दल (बादल) के नेताओं पर अपने निजी और राजनीतिक उद्देश्यों के लिए सिख पंथ का नाम न इस्तेमाल करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा  अकाली दल पिछले कई सालों से पंजाब की सत्ता में रही लेकिन बादल परिवार विशेष रूप से पंजाब और सिख पंथ के लिए बेहद घातक साबित हुआ। संधवां ने अकाल तख्त के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह से  उनसे अकाली दल (बादल) और बादल परिवार का प्रतिनिधि न बनने का अनुरोध किया।

शुक्रवार को पार्टी मुख्यालय से जारी एक बयान में कुलतार सिंह संधवां ने अकाली दल के नेता मनजिंदर सिंह सिरसा के भाजपा में शामिल होने को सिख पंथ पर  हमला करार दिया। उन्होंने भाजपा पर इंदिरा गांधी के नक्शेकदम पर चलने का आरोप लगाया। 

 संधवां ने आरोप लगाया कि बादल परिवार ने सभी सिख संस्थानों और गुरुद्वारों पर कब्जा किया और श्री अकाल तख्त और शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी, दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी सहित सभी प्रमुख और शैक्षणिक संस्थानों को राजनीतिक उद्देश्यों के लिए इस्तेमाल किया। उन्होंने कहा कि 70 साल में पंजाब के दुश्मनो ने सिख नैतिकता और पंथिक परंपराओं को उतना नुकसान नहीं पहुंचा  जितना बादल परिवार और उनके प्यारे डेरावादियों ने पहुंचाया। उन्होंने कहा कि  सिख धर्म को हुए नुक्सान के लिए बादल एंड कंपनी सीधे तौर पर जिम्मेदार है।

संधवां  ने कहा, ‘जो बादल आज भाजपा पर इंदिरा गांधी के नक्शेकदम पर चलने का आरोप लगा रहे हैं, इन बादलों के कल तक भाजपा के साथ गूढ़ के संबंध रहे हैं।’ बादल परिवार ने अपने राजनीतिक और पारिवारिक उद्देश्यों के लिए, भाजपा और आरएसएस को पंथ और पंथिक संस्थानों में घुसपैठ करने के लिए स्वतंत्र लगाम दी थी। आज जब भाजपा ने अपनी असलियत दिखाकर बादल दल को काटा तो बादल परिवार को एक बार फिर वह पंथ याद आ गया जो पिछले तीन दशकों से बादल परिवार द्वारा धीरे-धीरे भाजपा को आउटसोर्स किया गया था। पंजाब और केंद्र में सत्ता की बनाए रखने के लिए बादलों ने सिखों के गौरवशाली इतिहास और अपार बलिदानों के साथ बनाए गए शिरोमणि अकाली दल को भाजपा और आरएसएस की शाखा में बदल दिया है।

संधवां ने कहा, ‘बादल परिवार और अकाली दल बादल, जो गुरु ग्रंथ साहिब का बेअदबी और बेगुनाह सिखों की हत्या के गंभीर आरोपों का सामना कर रहे हैं अब सिख धर्म की बात करना छोड़ दें । बादल परिवार और वर्तमान अकाली दल का पंथ और पंथिक रीति-रिवाजों से कोई लेना-देना नहीं है।